Saturday, 6 December 2014

चारो ओर बहार ही बहार सी छा जाती है

तुम्हारी चाहत इस कदर मुझ में समा जाती है
जैसे  महक  फूलों   की  हवा  में  समा  जाती है
जब  भी आते  हो  मेरी  नजरों  के  सामने तुम
चारो  ओर   बहार  ही  बहार  सी  छा  जाती  है

रेखा जोशी 

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