Friday, 12 December 2014

धैर्य रख मधुमास भी तो आस पास है

गीतिका

पुष्प को बगिया में खिलने की आस है
बसंत  भी तो पतझड़  के  आस पास है

बगिया वीरान है बिन तेरेअब सजन
धैर्य रख मधुमास भी तो आस पास है

अँगना  तेरे मुस्कुराये गी धूप भी
खिलखिलाते  फूल भी तो आस पास है

पोंछ ले आँसू आँखों से तुम अपने 
बहार फूलो की भी तो  आस पास है

न उदास हो अब तो ज़िंदगी तू मुझसे
गुनगुनाती खुशियाँ यहॉँ आस पास है

रेखा जोशी

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