Monday, 8 December 2014
नहीं जानती यह कैसी तड़प है इस दिल में
न जाने क्यों आज
बेचैन है यह मन ऐसे
किसी से कोई शिकवा न गिला है अब वैसे
नहीं जानती
यह कैसी तड़प है इस दिल में
लगता कहीं कुछ छूट सा रहा
हर पल
जैसे
रेखा जोशी
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment