Monday, 8 June 2015

लाये संग तुम यह सब नज़ारे मेरे लिये

मुक्तक

उतर   आये  ज़मीन पर सितारे  मेरे  लिये
खिल  उठी  बगिया में अब बहारें मेरे लिये
चाँद सूरज सी यह दुनिया जगमगाने लगी
लाये  संग  तुम  यह सब नज़ारे  मेरे लिये

रेखा जोशी

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