Saturday 13 June 2015

सपना सच हो मेरा

सुबह सुबह
ठिठुरती सर्दी
भूखे पेट कूड़े के
ढेर से
बीनता सपने
टुकड़ों में
फलों के रोटी के
नही सोऊँगा
खाली पेट
सिर पर होगी छत
कह रहा था वो
मांगता वोट
दे दूँगा जीते हारे
बला से
सपना सच हो
मेरा
रेखा जोशी

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