धारा नदी की हरदम बहती जाती है
धारा वक्त की आगे बढती जाती है
सुख दुःख सब छोड़ पीछे यहाँ जीवन के
ज़िंदगी रूकती नही चलती जाती है
रेखा जोशी
धारा वक्त की आगे बढती जाती है
सुख दुःख सब छोड़ पीछे यहाँ जीवन के
ज़िंदगी रूकती नही चलती जाती है
रेखा जोशी
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