नौका को पार नदी जाना पड़ता है
कश्ती को साहिल तक लाना पड़ता है
…
तेरी खातिर अब ज़हर पिया हमने
दिल में दर्द लिये मुस्काना पड़ता है
…
गर दिल को मेरे जब समझे ना वो
देखो प्यार वहाँ जतलाना पड़ता है
…
आओ जीवन में साथ चलें हम दोनों
जीवन का यह सफर निभाना पड़ता है
....
गाये गीत अकेले हमने दुनिया में
मिल कर साथ तराना गाना पड़ता है
रेखा जोशी
कश्ती को साहिल तक लाना पड़ता है
…
तेरी खातिर अब ज़हर पिया हमने
दिल में दर्द लिये मुस्काना पड़ता है
…
गर दिल को मेरे जब समझे ना वो
देखो प्यार वहाँ जतलाना पड़ता है
…
आओ जीवन में साथ चलें हम दोनों
जीवन का यह सफर निभाना पड़ता है
....
गाये गीत अकेले हमने दुनिया में
मिल कर साथ तराना गाना पड़ता है
रेखा जोशी
No comments:
Post a Comment