Friday, 26 June 2015

दूर आसमाँ ज़मीं जहाँ मिले वहीँ चलें


प्यार चाह  ज़िंदगी जहाँ फले  वहीँ  चलें
हाथ थाम कर   चमन जहाँ खिले वहीँ चलें 
ज़िंदगी कभी मिला  नहीं  सकी हमे सजन 
दूर  आसमाँ  ज़मीं   जहाँ   मिले  वहीँ चलें 

रेखा जोशी 

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