Friday, 12 June 2015

कभी तुम रूठो हमसे तो कभी हम मनायें तुम्हे

ऐसे  ही  हँसने   का  सिलसिला यूँही चलता रहे
आपस में मिलने का सिलसिला यूँही चलता रहे
कभी तुम रूठो हमसे तो कभी हम मनायें तुम्हे
मनाने  रुठने  का  सिलसिला  यूँही  चलता  रहे

रेखा जोशी 

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