समुद्र तट पर
चल रहे किनारे किनारे
मचा रही शोर
आती जाती लहरे
.
आती रही जीवन में
सुख दुःख की लहरे
जश्न मनाते यहाँ
कभी आंसू बहाते
.
सूरज रहा चूम
सागर का आंचल
रंग सिंदूरी चमक रहा
आसमां भरा गुलाल
.
सफर ज़िंदगी का
चलता रहा सुबह शाम
आज ढल रही शाम
कल आयेगी सुबह
ले कर नव नाम
.
रेखा जोशी
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