Sunday 4 October 2015

आती रही जीवन में सुख दुःख की लहरे

समुद्र तट पर 
चल रहे किनारे किनारे 
मचा रही शोर 
आती जाती लहरे 
आती रही जीवन में 
सुख  दुःख की लहरे 
जश्न मनाते यहाँ 
कभी आंसू बहाते 
सूरज रहा चूम
सागर का आंचल 
रंग सिंदूरी चमक रहा 
आसमां भरा गुलाल 
सफर ज़िंदगी का 
चलता रहा सुबह शाम 
आज ढल रही शाम 
कल  आयेगी  सुबह 
ले कर  नव नाम 
रेखा जोशी 

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