सभी मित्रों को विजयदशमी की हार्दिक शुभकामनायें
आ रहा यहाँ रावण सीता हरण बार बार करने
है रूप अनेक बदल बदल कर आता प्रहार करने
हो रहा फिर से ज़िंदा आज यहाँ मर कर भी रावण
सुनो हे राम आओ फिर रावण का संहार करने
रेखा जोशी
आ रहा यहाँ रावण सीता हरण बार बार करने
है रूप अनेक बदल बदल कर आता प्रहार करने
हो रहा फिर से ज़िंदा आज यहाँ मर कर भी रावण
सुनो हे राम आओ फिर रावण का संहार करने
रेखा जोशी
No comments:
Post a Comment