Wednesday, 21 October 2015

सुनो हे राम आओ फिर रावण का संहार करने

सभी मित्रों को विजयदशमी की हार्दिक शुभकामनायें 

आ  रहा  यहाँ  रावण  सीता  हरण बार  बार करने 
है  रूप  अनेक बदल बदल कर आता  प्रहार करने
हो रहा फिर से ज़िंदा आज यहाँ मर कर भी रावण 
सुनो  हे  राम आओ  फिर  रावण का  संहार करने 

रेखा जोशी 


No comments:

Post a Comment