है गूँज उठा अंबर पंछियों के चहचहाने से
है खिल खिल उठा उपवन फूलों के खिलखिलाने से
आशा की नव किरणे ले कर आई है शुभ प्रभात
जीवन में आई बहार आपके मुस्कुराने से
रेखा जोशी
है खिल खिल उठा उपवन फूलों के खिलखिलाने से
आशा की नव किरणे ले कर आई है शुभ प्रभात
जीवन में आई बहार आपके मुस्कुराने से
रेखा जोशी
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