Wednesday 14 October 2015

तुम मिले हम को मिला दोनों जहाँ का प्यार

ज़िंदगी में आप आये साथ है  स्वीकार
मिल गया हम को सजन सारा यहाँ संसार
......
गर हमे तुम छोड़ दोगे  डूब जायें आज
हाथ  अब पतवार थामो  ले चलो उसपार

ढूँढ़ते हम ज़िंदगी को आज आई शाम
तुम मिले हम को मिला दोनों जहाँ का प्यार

आज तेरा नाम लेकर पी लिया अब जाम
साथ तेरे हम चलें कर साज ओ श्रृंगार

मान लो तुम है अधूरी ज़िंदगी अभिशाप
हाथ थामा आज जो तुमने किया उपकार

रेखा जोशी

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