दोहे
बीती जाये ज़िंदगी जीवन के दिन चार
प्रेम प्रीति कर ले मना दुखिया यह संसार
…
छोटी सी यह ज़िंदगी कह ले दिल की बात
चार दिवस की चांदनी फिर अंधेरी रात
....
पाया मानस तन यहाँ कर ले काम महान
सेवा कर माँ बाप की बड़ों का कर सम्मान
रेखा जोशी
बीती जाये ज़िंदगी जीवन के दिन चार
प्रेम प्रीति कर ले मना दुखिया यह संसार
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छोटी सी यह ज़िंदगी कह ले दिल की बात
चार दिवस की चांदनी फिर अंधेरी रात
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पाया मानस तन यहाँ कर ले काम महान
सेवा कर माँ बाप की बड़ों का कर सम्मान
रेखा जोशी
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