दिये धोखे हमें सबने ज़माने के सताये है
सजी महफ़िल सजन तेरी चले हम आज आये है
....
हमें आया नही करना कभी भी प्यार जीवन में
निभाया प्यार हमने ज़िंदगी तुम पर लुटाये है
.....
कहाँ जाये करें क्या राह में बैठे अकेले हम
निहारे राह तेरी पर सजन आँखे बिछाये है
…
खिलेगे फूल बगिया में नहीं किस्मत हमारी में
सजन बादल घनेरे ज़िंदगी में आज छायें है
…
कहें क्या अब किसे कैसे यहाँ दिल की लगी को हम
मिले जो दर्द सीने में उसे हमने छिपाये है
रेखा जोशी
सजी महफ़िल सजन तेरी चले हम आज आये है
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हमें आया नही करना कभी भी प्यार जीवन में
निभाया प्यार हमने ज़िंदगी तुम पर लुटाये है
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कहाँ जाये करें क्या राह में बैठे अकेले हम
निहारे राह तेरी पर सजन आँखे बिछाये है
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खिलेगे फूल बगिया में नहीं किस्मत हमारी में
सजन बादल घनेरे ज़िंदगी में आज छायें है
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कहें क्या अब किसे कैसे यहाँ दिल की लगी को हम
मिले जो दर्द सीने में उसे हमने छिपाये है
रेखा जोशी
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