Tuesday 13 October 2015

शीतल पवन के झोंकों संग झूला झुला रही डालियाँ

था ख़्वाब बचपन का इक घरौंदा बनायें हम पेड़ पर
हरे भरे   पुष्पित  पत्तों  से उसे  सजायें हम पेड़ पर
शीतल पवन के झोंकों संग झूला झुला रही डालियाँ
कोयल संग यहाँ  गीत मधुर गुनगुनायें हम पेड़ पर

रेखा जोशी 

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