Sunday, 11 October 2015
हाइकु
आँसू पोंछता
यह मानवता है
दर्द बाँटता
…………
जय हो तेरी
आविष्कार करता
मनुज नित
………
जीवन मिला
कर परोपकार
मनुज बन
………
पीड़ा पराई
जो हर ले मानव
है सुखदाई
रेखा जोशी
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