Monday, 20 October 2014
क्षणिका [लिखे थे हमने भी खत तुम्हे]
है याद
लिखे थे हमने भी
खत तुम्हे
महकते हुए
खतों में
थी बयाँ दास्तान
हमारे प्यार की
देखते ही उन्हें
है याद आ जाते
बीते हुए
वोह मधुर क्षण
जो फिर से
महका जाते
है हमारी
ज़िंदगी
रेखा जोशी
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