दिया था
दिल
हाथों में तुम्हारे
उड़ चले
हम
तितली से
दूर
आकाश में
बस
बस
तुम्हारे सहारे
पटक दिया क्यों
हमे ज़मीं पर
पटक दिया क्यों
हमे ज़मीं पर
न जाने क्यों
तुमने दी सज़ा हमे
कर दिया
दिलो जिगर का खून मेरे
दिल रो रहा
और
बरस रहे
नयन मेरे
रेखा जोशी
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