दौड़ रहां वह
इस दुनिया में
अंतहीन दौड़
लेकिन तन्हा
पूरे करने उसे
सपने जो
देखे उसके पिता ने
खरा उतरना है उसे
उम्मीदों पर अपनी माँ
पत्नी और बच्चों की
लेकिन अपने सपने
दफन है सीने में
उसके
थक कर हांफने लगा
लेकिन
वक्त नही है रुकने का
जीतनी है जंग
उसे ज़िंदगी की
क्योंकि
उसे प्यार है उन सबसे
अपने सपनो से भी
ज्यादा
रेखा जोशी
इस दुनिया में
अंतहीन दौड़
लेकिन तन्हा
पूरे करने उसे
सपने जो
देखे उसके पिता ने
खरा उतरना है उसे
उम्मीदों पर अपनी माँ
पत्नी और बच्चों की
लेकिन अपने सपने
दफन है सीने में
उसके
थक कर हांफने लगा
लेकिन
वक्त नही है रुकने का
जीतनी है जंग
उसे ज़िंदगी की
क्योंकि
उसे प्यार है उन सबसे
अपने सपनो से भी
ज्यादा
रेखा जोशी
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