Thursday, 16 October 2014

गुनगुनाने लगी है बहारें


पल पल हम तुम्हे  है निहारें
संग  संग   तुम  लाये  बहारें
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चूमे   मेरा   चाँदनी   आँचल 
सुहानी पवन बह रही शीतल
मन में मचलती हलचल मेरे
दिल   दीवाना  तुम्हे   पुकारे
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तुम जो मिले हमसे पल दो पल
महकने लगे गुलाब खिल खिल
अँगना   महकाती    है    हवायें
गुनगुनाने    लगी     है    बहारें
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पल पल हम तुमको है निहारें
आये जो  तुम संग आई बहारें

रेखा जोशी

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