हो
जाती है
आँखे नम
मुहब्ब्त की
मज़ार पर
छलकता
है प्यार
हवाओं में
यहाँ पर
ओ
जाने वाले
राही
लेता जा
सन्देशा
उन प्रेमियों
के नाम
न छोड़ना
कभी साथ
इक दूजे का
सुबह हो
याँ शाम
रहना साथ
सुख हो
याँ दुःख
न छोड़ना
कभी हाथ
जीना साथ
और
मरना साथ
रेखा जोशी
जाती है
आँखे नम
मुहब्ब्त की
मज़ार पर
छलकता
है प्यार
हवाओं में
यहाँ पर
ओ
जाने वाले
राही
लेता जा
सन्देशा
उन प्रेमियों
के नाम
न छोड़ना
कभी साथ
इक दूजे का
सुबह हो
याँ शाम
रहना साथ
सुख हो
याँ दुःख
न छोड़ना
कभी हाथ
जीना साथ
और
मरना साथ
रेखा जोशी
No comments:
Post a Comment