Saturday, 11 October 2014

हास्य रचना

जब
सुबह सुबह 
गर्मागर्म 
चाय का प्याला 
हमारी
प्यारी श्रीमती जी ने 
मुस्कुराते हुए
हमारे
हाथ में  थमाया
उनकी प्रेम भरी
आँखों  में
हमे
कुछ नज़र आया
तभी उन्होंने
हमारे हाथ में
बिजली का बिल
थमाया
देखते ही उसे
हमे ज़ोरों का
झटका आया
यह क्या
इतना ज्यादा बिल
कैसे आया
सारी सारी
रात आपनेश्रीमती जी
ए सी क्यों चलाया
जब न हो इस्तेमाल
तब पंखा बिजली
क्यों नही
बंद करवाया
महँगाई के आलम में
क्यों
हमारा
सर मुंडवाया

रेखा जोशी

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