न चाहते हुये भी हमे उनसे प्यार हो गया
लब खुले भी नही आँखों से इज़हार हो गया
खुदा बचाये इस नामुराद मुहब्बत से हमे
न जाने कैसे दिल फिर इसका शिकार हो गया
रेखा जोशी
लब खुले भी नही आँखों से इज़हार हो गया
खुदा बचाये इस नामुराद मुहब्बत से हमे
न जाने कैसे दिल फिर इसका शिकार हो गया
रेखा जोशी
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