वही चिरपरिचित
पैरों की थाप
छनकती पायल
नेह भरी मुस्कान
चेहरे पर
भरी दोपहरी
नीर भरी मटकी
सिर पर
समर्पित जीवन
सुबह से शाम
वही पगडंडियां
मुड़ मुड़ आती
उसी द्वार
माँ तुझे प्रणाम
माँ तुझे प्रणाम
रेखा जोशी
पैरों की थाप
छनकती पायल
नेह भरी मुस्कान
चेहरे पर
भरी दोपहरी
नीर भरी मटकी
सिर पर
समर्पित जीवन
सुबह से शाम
वही पगडंडियां
मुड़ मुड़ आती
उसी द्वार
माँ तुझे प्रणाम
माँ तुझे प्रणाम
रेखा जोशी
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