क्या पाया ज़िन्दगी में तुम्हे चाह कर हमने
दुख ही दुख दिये यहाँ हमे इस राह पर तुमने
ज़ख्म जो दिये हमे बन चुके है नासूर अब वो
सीख लिया चलना काँटों भरी राह पर हमने
रेखा जोशी
दुख ही दुख दिये यहाँ हमे इस राह पर तुमने
ज़ख्म जो दिये हमे बन चुके है नासूर अब वो
सीख लिया चलना काँटों भरी राह पर हमने
रेखा जोशी
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