मेरे गीत के सुर में बसे तुम ही तुम हो
ज़िंदगी की सुर लय में बसे तुम ही तुम हो
ज़िंदगी की सुर लय में बसे तुम ही तुम हो
तुम ही तो पार लगाते हो बेड़ा सब का
इस धरा की कण कण में बसे तुम ही तुम हो
इस धरा की कण कण में बसे तुम ही तुम हो
रेखा जोशी
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