शक्तिपुंज
दिवाकर ने
जब खोले नयन
हुआ प्रकाशित
जग सारा
जंगल
हुआ हरा भरा
अरुण की रश्मियों से
जब खोले नयन
हुआ प्रकाशित
जग सारा
जंगल
हुआ हरा भरा
अरुण की रश्मियों से
दी दस्तक जब धूप ने
फूल खिले बगिया में
उतरते रहे दिन
धूप की घाटियों में
बिखरती रही खुशियाँ
सूरज के आगमन से
और जीवन
खेलता मचलता रहा
सूरज के आगमन से
और जीवन
खेलता मचलता रहा
धरा के आँचल में
रेखा जोशी
रेखा जोशी
No comments:
Post a Comment