राह पे हम चलें हाथ थामे कभी
गम न कर हम नही साथ छोड़े कभी
…
मेल हम सब रखेंगे यहाँ पर अगर
अब सनम मुश्किलें हम न पायें कभी
…
मान जाओ सजन रूठना अब नही
जान जाये हमारी न माने कभी
…
रात दिन हम जिये सनम यह ज़िंदगी
ज़िंदगी में न हम साथ छोड़ें कभी
....
चार दिन की जवानी मिले है यहाँ
क्या पता ज़िंदगी रूठ जाये कभी
....
रेखा जोशी
गम न कर हम नही साथ छोड़े कभी
…
मेल हम सब रखेंगे यहाँ पर अगर
अब सनम मुश्किलें हम न पायें कभी
…
मान जाओ सजन रूठना अब नही
जान जाये हमारी न माने कभी
…
रात दिन हम जिये सनम यह ज़िंदगी
ज़िंदगी में न हम साथ छोड़ें कभी
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चार दिन की जवानी मिले है यहाँ
क्या पता ज़िंदगी रूठ जाये कभी
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रेखा जोशी
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