Wednesday, 22 April 2015

परेशान सभी यहाँ सूरज की तपिश से

अगन बरसती धरा पे  सबका बुरा हाल
बिन नीर अब धरा पे जीना  हुआ मुहाल
परेशान सभी यहाँ  सूरज  की तपिश से
प्यासा  पंछी  गर्मी  से अब  हुआ बेहाल

रेखा जोशी


No comments:

Post a Comment