Saturday, 4 April 2015
आता दिवाकर लिये हर दिन उम्मीद नई
पल पल यूँ ही हमारी गुज़रती ज़िंदगी
हर पल यहाँ नये पल
में ढलती ज़िंदगी
आता दिवाकर लिये हर दिन
उम्मीद नई
रोशनी दामन हमारे भरती ज़िंदगी
रेखा जोशी
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment