गीतिका
जीवन की राहों में ले हाथों में हाथ
साजन मेरे चल रहे हम अब साथ साथ
अधूरे है हम तुम बिन सुन साथी मेरे
आ जियें जीवन का हर पल साथ साथ
हर्षित हुआ मन देख मुस्कुराहट तेरी
खिलखिलाते रहें दोनों अब साथ साथ
आये कोई मुश्किल कभी जीवन पथ पर
सुलझा लेंगे दोनों मिल कर साथ साथ
तुमसे बंधी हूँ मै साथी यह मान ले
निभायें गे इस बंधन की हम साथ साथ
छोड़ न जाना तुम कभी राह में अकेले
अब जियेंगे और मरेंगे हम साथ साथ
रेखा जोशी
जीवन की राहों में ले हाथों में हाथ
साजन मेरे चल रहे हम अब साथ साथ
अधूरे है हम तुम बिन सुन साथी मेरे
आ जियें जीवन का हर पल साथ साथ
हर्षित हुआ मन देख मुस्कुराहट तेरी
खिलखिलाते रहें दोनों अब साथ साथ
आये कोई मुश्किल कभी जीवन पथ पर
सुलझा लेंगे दोनों मिल कर साथ साथ
तुमसे बंधी हूँ मै साथी यह मान ले
निभायें गे इस बंधन की हम साथ साथ
छोड़ न जाना तुम कभी राह में अकेले
अब जियेंगे और मरेंगे हम साथ साथ
रेखा जोशी
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