Wednesday 13 May 2015

सदा प्यार का मै जहाँ चाहता हूँ


नहीं पास नफरत यहाँ चाहता हूँ
सदा  प्यार का मै जहाँ चाहता हूँ

नही  चाहिये चाँद  तारे  मुझे सब
सदा आसमाँ अब खुला  चाहता हूँ

न दामन उड़ाओ यहाँ पर हवाओ
ख़ुशी की लहर अब कहाँ चाहता हूँ
....
किसी रोज़ आ कर सजन देख लो अब
सदा प्यार में   अब वफ़ा  चाहता हूँ

न चाहा कभी प्यार हमने सजन
नही साथ तेरा यहाँ चाहता हूँ

रेखा जोशी 

No comments:

Post a Comment