नहीं बँधी ज़िंदगी
केवल दो रंग समेटे
श्वेत स्याम
इसके बीच भी
है मुस्कुराती खिलखिलाती
ज़िंदगी ज़िंदगी
अनेक रंगों से सजी
थिरक रहे खूबसूरत नज़ारे
आवरण नीला ओढ़े
लिये आगोश में अपने अवनी
रंगीन पुष्पित पल्ल्वित
हरा भरा संसार
आओ सजायें ज़िन्दगी अपनी
रंग भर अनेक
छोटी छोटी खुशियों से
आओ महकायें ज़िंदगी अपनी
बाँट खुशिया सब में अनेक
आओ हम भर दे
श्वेत स्याम के बीच
महकते रंग अनेक
रेखा जोशी
केवल दो रंग समेटे
श्वेत स्याम
इसके बीच भी
है मुस्कुराती खिलखिलाती
ज़िंदगी ज़िंदगी
अनेक रंगों से सजी
थिरक रहे खूबसूरत नज़ारे
आवरण नीला ओढ़े
लिये आगोश में अपने अवनी
रंगीन पुष्पित पल्ल्वित
हरा भरा संसार
आओ सजायें ज़िन्दगी अपनी
रंग भर अनेक
छोटी छोटी खुशियों से
आओ महकायें ज़िंदगी अपनी
बाँट खुशिया सब में अनेक
आओ हम भर दे
श्वेत स्याम के बीच
महकते रंग अनेक
रेखा जोशी
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