Monday, 25 May 2015

अलिवर्णपाद छंद



कहते रहते 
तुम हो नादान 
आ जाती सबकी 
बातों में हमेशा 
ख़त्म कर दिया 
मनोबल मेरा 

रेखा जोशी 

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