Thursday, 28 May 2015

प्यास दिल की अधूरी अभी रह गई

बात दिल की ज़ुबाँ पर धरी रह गई
इक कहानी मगर अनकही रह गई

दिल मचलता हुआ कब कहाँ खो गया
प्यास दिल की अधूरी अभी रह गई

यूँ चले क्यों गये छोड़ कर तुम हमे
मै सफर में अकेली खड़ी रह गई

अब न जाना हमें तड़पा' कर तुम कभी
ज़िंदगी में अधूरी ख़ुशी रह गई

वार दी अब सजन प्यार पर ज़िंदगी
प्यार बिन कुछ नही ज़िंदगी रह गई
रेखा जोशी

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