दिल मेरा तुमने तोड़ा है
इन बातों में क्या रक्खा है
…
महकी बगिया मेरे मन की
साजन को जबसे चाहा है
…
बैठे है गम दिल में रख कर
गम का अब हमसे रिश्ता है
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साथी है हम तो जन्मों के
रिश्ता यह रब से मिलता है
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छोड़े ना हम तुम को साजन
तुमसे तो नाता गहरा है
रेखा जोशी
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