नहीं साथी हमारा दूसरा है
जहाँ में साथ तेरा आसरा है
...
रहो गर साथ जीवन में हमारे
किसी की फिर ज़रूरत और क्या है
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गुज़र यह ज़िंदगी जाये हमारी
सफर इस ज़िंदगी का आइना है
…
हमारा साथ गर तुम दो सजन तो
हसीं तब फिर सजन यह रास्ता है
…
बहुत आगे चले आये सजन हम
मेरा बचपन अभी तक भागता है
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रेखा जोशी
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