Saturday, 8 November 2014

हर दिन हर घड़ी तेरी यादों में ही गुज़ारा करते है

नयन   मेरे   थामे    दिल  तेरी  राहें   निहारा  करते  है
न जाने क्यों दिल ही में साजन तुम को पुकारा करते है
कुछ  भी  करें हम  पर  बाँवरे  दो  नैन यह जो  है हमारे
हर  दिन  हर  घड़ी   तेरी  यादों  में  ही  गुज़ारा  करते है    

रेखा जोशी 

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