हो कर
बादलों के रथ पे सवार
आओ चले
प्रियतम
क्षितिज के उस पार
ले रहा आगोश में
जहाँ
सूरज को सागर
कर रहे अभिवादन
जहाँ
पंछी गगन में
खूबसूरत नज़ारे
जहाँ
करते इंतज़ार
आओ चले
प्रियतम
क्षितिज के उस पार
रेखा जोशी
बादलों के रथ पे सवार
आओ चले
प्रियतम
क्षितिज के उस पार
ले रहा आगोश में
जहाँ
सूरज को सागर
कर रहे अभिवादन
जहाँ
पंछी गगन में
खूबसूरत नज़ारे
जहाँ
करते इंतज़ार
आओ चले
प्रियतम
क्षितिज के उस पार
रेखा जोशी
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