Sunday 9 November 2014

तन्हा तन्हा

दिल लगा कर
तुमसे
अब समझे हम ,
दिल की लगी को 
छुपाये अपने  नयनों में 
अश्क ,
तेरी यादों संग 
खोये हम
न जाने कब से 
भटक रहे  
तन्हा तन्हा हम 
इक कसक इक  टीस 
छुपाये दिल में 
जब से गए तुम 
छोड़ हमे 
सिसकते हुए 

लगा लिया 
इस  दर्द को हमने 
सीने से 
याद को तेरी
बना लिया साथी 
उम्र भर के लिए  
दिल लगा कर
तुमसे
अब समझे हम ,
दिल की लगी को 

रेखा जोशी






No comments:

Post a Comment