आओ सखी नीर भर लें
बरसा रहे तीरअग्नि के
सूरज देव के नैन
बेहाल गर्मी से सब
सूख रहे है कंठ
प्यासी धरती
प्यासे पंछी
प्यासा है जन जन
अमृत की बूँद बूँद से
घट भर लें
जल है जीवन
संरक्षण
इसका कर लें
आओ सखी नीर भर लें
रेखा जोशी
बरसा रहे तीरअग्नि के
सूरज देव के नैन
बेहाल गर्मी से सब
सूख रहे है कंठ
प्यासी धरती
प्यासे पंछी
प्यासा है जन जन
अमृत की बूँद बूँद से
घट भर लें
जल है जीवन
संरक्षण
इसका कर लें
आओ सखी नीर भर लें
रेखा जोशी
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