गीतिका
मात्रा भार ---22
पदांत --आरे
समांत ---अ
छुप गये जो दिल में रहते थे हमारे
नही अब ज़िन्दगी में रहा कुछ हमारे
…
कहाँ ढूँढे उन को अब थक गई आँखे
नहीं अपना यहाँ किसे हम अब पुकारें
…
किसे दिल का सुनायें हाल हम अब यहाँ
चले आओ हमे दो सजन तुम सहारे
....
बिन तुम्हारे सूनी ज़िंदगी की राहें
साजन मेरे क्यों कर लिये अब किनारे
…
कैसे जियेंगे यह तो बता दो बालम
आ जाओ यहाँ तोड़ कर सब दीवारें
रेखा जोशी
मात्रा भार ---22
पदांत --आरे
समांत ---अ
छुप गये जो दिल में रहते थे हमारे
नही अब ज़िन्दगी में रहा कुछ हमारे
…
कहाँ ढूँढे उन को अब थक गई आँखे
नहीं अपना यहाँ किसे हम अब पुकारें
…
किसे दिल का सुनायें हाल हम अब यहाँ
चले आओ हमे दो सजन तुम सहारे
....
बिन तुम्हारे सूनी ज़िंदगी की राहें
साजन मेरे क्यों कर लिये अब किनारे
…
कैसे जियेंगे यह तो बता दो बालम
आ जाओ यहाँ तोड़ कर सब दीवारें
रेखा जोशी
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