Tuesday, 11 November 2014

हाइकु [सूरज पर ]

हाइकु  

है भोर भई
क्षितिज पे सूरज
नभ सिंदूरी
………
गोला आग का
अवतरित हुआ
फैला उजाला
…… ...
मिले जीवन
वरदान धरा को
सम्पदा वन
………
प्राणदायक
शक्तिपुंज भास्कर
जीवनदाता
..........…
करे प्रदान
अरुण की किरणे
शीतल चाँद

रेखा जोशी

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